मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025

महिला कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी भंग, रजनी वर्मा बनीं प्रदेश महासचिव

महिला कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी भंग, रजनी वर्मा बनीं प्रदेश महासचिव

कटनी। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती अलका लांबा ने मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी एवं सभी जिला अध्यक्षों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।

प्रदेश इकाई को भंग करने के उपरांत नई कार्यकारिणी की घोषणा की गई, जिसमें श्रीमती विभा पटेल को पुनः प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। इसी क्रम में कटनी जिला शहर अध्यक्ष श्रीमती रजनी वर्मा को प्रदेश महासचिव के पद पर मनोनीत किया गया है।

श्रीमती वर्मा की नियुक्ति पर कांग्रेसजनों ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है और विश्वास जताया है कि उनके नेतृत्व में महिला कांग्रेस संगठन और अधिक सशक्त होगा।




संघ के शताब्दी वर्ष में ग्राम बसाड़ी में निकला पथ संचलन — स्वयंसेवकों ने किया कदमताल, संघ स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर गांव में उमड़ा जनसैलाब, देशभक्ति गीतों से गूंजा माहौल

संघ के शताब्दी वर्ष में ग्राम बसाड़ी में निकला पथ संचलन — स्वयंसेवकों ने किया कदमताल, संघ स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर गांव में उमड़ा जनसैलाब, देशभक्ति गीतों से गूंजा माहौल

कटनी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष के अवसर पर ग्राम बसाड़ी में सोमवार को भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों ने घोष की ताल पर कदमताल करते हुए अनुशासन, एकता और राष्ट्रप्रेम का संदेश दिया।

पथ संचलन के दौरान गांव की सड़कों के दोनों ओर ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद रहे। कई स्थानों पर रंगोली, तोरणद्वार और पुष्पवर्षा से स्वयंसेवकों का स्वागत किया गया। पूरा वातावरण देशभक्ति के नारों और गीतों से गुंजायमान हो उठा।


संघ के इतिहास का स्मरण

समारोह के मुख्य वक्ताओं ने संघ की 100 वर्ष की तपस्या और संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के जीवनवृत्त का प्रेरक उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि “यह शताब्दी यात्रा संघ के छह सरसंघचालकों की साधना का परिणाम है” — हेडगेवार की नींव, गुरुजी का विस्तार, देवरस की सेवा, रज्जू भैया का विदेश विस्तार, सुदर्शन का स्वदेशी आग्रह और भागवत का समरसता संदेश इस यात्रा की धुरी हैं।

वक्ताओं ने संघ को संगठन शक्ति, आत्मगौरव और समरसता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह वह संगठन है जिसने तूफानों में भी दीपक जलाए रखे।

गांव ने दी ऐतिहासिक भागीदारी

कई किलोमीटर लंबे पथ संचलन में स्वयंसेवकों की अनुशासित कदमताल ने सभी का ध्यान खींचा। मार्ग पर जगह-जगह स्वागत किया गया, वहीं सड़कों की सफाई कर संघ के शताब्दी वर्ष का उल्लेख आकर्षक ढंग से किया गया था।

कार्यक्रम के समापन के साथ शताब्दी वर्ष की एकता और समरसता यात्रा का आह्वान किया गया।

जिले में बढ़ते अपराधों के बीच कटनी पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल — 12 अधिकारियों के तबादले, कई थानों की कमान बदली

कटनी । जिले में लगातार बढ़ रहे अपराध, हत्या, लूट, चोरी और अवैध गतिविधियों के मामलों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लगातार हो रही घटनाओं और जनता में बढ़ते आक्रोश के बीच सोमवार देर रात पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल किया गया। कोतवाली, एनकेजे, रंगनाथ नगर, बाकल थानों के साथ-साथ निवार, झिंझरी और बस स्टैंड चौकी के प्रभारियों को बदल दिया गया है। कुल 12 पुलिस अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है।

सूत्रों के अनुसार यह फेरबदल जिले में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को सुधारने और फील्ड स्तर पर सक्रियता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है।

पदस्थापन सूची के मुताबिक —

  • कोतवाली थाना प्रभारी अजय बहादुर सिंह को रक्षित केंद्र कटनी भेजा गया है, उनकी जगह निरीक्षक राखी पांडे को जिम्मेदारी दी गई है।
  • रंगनाथ नगर थाना प्रभारी नवीन नामदेव को माधव नगर थाना भेजा गया है, जबकि उप निरीक्षक अरुण पाल सिंह को रंगनाथ नगर थाने की कमान सौंपी गई है।
  • एनकेजे थाना अब उप निरीक्षक रूपेंद्र सिंह राजपूत के अधीन रहेगा।
  • बस स्टैंड चौकी का प्रभार उप निरीक्षक सिद्धार्थ राय को दिया गया है।
  • बाकल थाना की जिम्मेदारी उप निरीक्षक रश्मि सोनकर को सौंपी गई है।
  • झिंझरी चौकी के नए प्रभारी उप निरीक्षक राजेश दुबे होंगे।
  • एनकेजे थाने में पदस्थ उप निरीक्षक अनिल यादव को स्लीमनाबाद थाना भेजा गया है।
  • निवार चौकी प्रभारी नेहा मौर्य को कोतवाली में पदस्थ किया गया है, जबकि झिंझरी चौकी प्रभारी प्रियंका राजपूत को रक्षित केंद्र कटनी भेजा गया है।
  • बाकल प्रभारी प्रतीक्षा सिंह चंदेल अब कुठला थाना में सेवाएं देंगी।

सहायक उप निरीक्षक स्तर पर भी तबादले किए गए हैं —

  • एएसआई अंजनी मिश्रा को स्लीमनाबाद से निवार चौकी प्रभारी बनाया गया है।
  • एएसआई जयचंद ऊईके को ढीमरखेड़ा से रीठी थाना भेजा गया है।
  • एएसआई विजेंद्र तिवारी को रक्षित केंद्र कटनी से ढीमरखेड़ा थाना भेजा गया है।
  • प्रधान आरक्षक अजय पाठक को बरही से बहोरीबंद,
  • आरक्षक घनश्याम निषाद को रक्षित केंद्र कटनी से रीठी,
  • और आरक्षक अतुल श्रीवास्तव को बहोरीबंद से बरही थाना स्थानांतरित किया गया है।

लगातार हो रही घटनाओं के बाद पुलिस विभाग में यह फेरबदल संकेत देता है कि अब जिम्मेदारी नए अधिकारियों के कंधों पर होगी, ताकि जिले में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर अंकुश लगाया जा सके और जनता का भरोसा दोबारा पुलिस पर कायम हो सके।

लगातार वायरल हो रहे अपराध के वीडियो से कटनी पुलिस की किरकिरी — कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता

कटनी। जिले में अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है और पुलिस की कार्यशैली पर सवालों की बौछार थमने का नाम नहीं ले रही। कभी हत्या, कभी मारपीट, तो कभी जुआ फड़ और सट्टे ,अवैध शराब बिक्री के वीडियो सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से वायरल हो रहे हैं, लेकिन पुलिस के जिम्मेदार सिर्फ औपचारिकता पूरी करने जुटे रहते हैं।


आज फिर एक जुआ फड़ का वीडियो वायरल कैमोर थाना क्षेत्र के गूढ़ गढ़ोहा का बताया जा रहा है वही शहर के कई इलाकों में खुलेआम चल रहे जुआ-सट्टा और अवैध गतिविधियों के वीडियो सोशल मीडिया पर आएदिन छाए हुए रहते  हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायतों के बावजूद पुलिस सिर्फ औपचारिकता निभा रही है। वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि अवैध गतिविधियां पुलिस की नाक के नीचे फल-फूल रही हैं।

जनता अब पूछ रही है कि जब हर घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आ रहा है तो फिर पुलिस को दिख क्यों नहीं रहा? लगातार हो रही लापरवाही ने कटनी पुलिस की साख पर गहरा असर डाला है।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अगर इसी तरह पुलिस का रवैया ढीला रहा तो अपराधियों के हौसले और बुलंद होंगे और जिले की कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी।

अब सवाल यह है कि — आखिर कटनी पुलिस और कितनी किरकिरी करवाएगी, और कब होगा वास्तव में कानून का राज?

सोमवार, 6 अक्टूबर 2025

ढाई माह पूर्व हत्या के प्रयास के फरार आरोपी गिरफ्तार, बाजार में निकाला गया जुलूस

कटनी। करीब ढाई माह पूर्व ग्राम नीमखेड़ा में हुए हत्या के प्रयास मामले के फरार आरोपियों को बहोरीबंद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपियों का बाजार में पैदल जुलूस निकाला गया, जिससे इलाके में चर्चा बनी रही।

जानकारी के अनुसार, 17 जुलाई 2025 को नीमखेड़ा निवासी विजय जायसवाल (49) का विवाद अभिलाष सोनी से हुआ था। विवाद के बाद अभिलाष ने अपने साथी भागचंद जायसवाल के साथ मिलकर डंडे और रॉड से हमला कर दिया था। गंभीर रूप से घायल विजय की रिपोर्ट पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था।

वारदात के बाद से दोनों आरोपी फरार थे, जिन्हें अब पकड़ा गया है। पूछताछ में आरोपियों ने विजय जायसवाल पर हमला करने की बात कबूल की है। गिरफ्तारी के बाद पूरे कस्बे में पुलिस की मौजूदगी के बीच आरोपियों को पैदल घुमाया गया, जिससे लोगों में सनसनी का माहौल रहा।

कटनी -: रॉकी पर हमले के बाद भी नहीं चेती पुलिस, दो दिन बाद गगन बजाज की कर दी हत्या ,

कटनी। अपराधियों का दुस्साहस और पुलिस की लापरवाही — माधवनगर की ये दो सच्चाइयाँ अब शहर की नींद उड़ा रही हैं। दो दिन पहले दशहरे की रात रॉकी मोटवानी पर हमला करने वाला वही बदमाश अब गगन बजाज की हत्या का आरोपी निकला। सवाल सीधा है — अगर पुलिस ने उस वक्त सख्ती दिखाई होती, तो क्या आज एक घर उजड़ता?

2 अक्टूबर को रॉकी मोटवानी पर हुआ हमला शहर के बीचोंबीच हुआ, पर माधवनगर पुलिस ने इसे मामूली झगड़ा मान लिया। आरोपियों पर हल्की धाराएँ लगाकर केस दर्ज कर दिया गया, और वे दो दिन में फिर सड़कों पर थे।


4 अक्टूबर की रात
, वही आरोपी दोबारा निकले। रॉकी नहीं मिला, तो गुस्सा गगन पर उतार दिया — चाकुओं से हमला कर गगन की जान ले ली।
अब पूरा इलाका सन्न है, और लोग पूछ रहे हैं — “क्या अब अपराधियों को जमानत नहीं, जनाज़ा चाहिए कार्रवाई के लिए?”

रॉकी मोटवानी का आरोप है कि इस पूरे खेल में प्रभावशाली सटोरियों और अपराधियों की पैरवी ने पुलिस को पंगु बना दिया। जिन धाराओं में अपराध दर्ज हुआ, वह न केवल कानून का मज़ाक था, बल्कि भविष्य की त्रासदी का निमंत्रण भी।

स्थानीय नागरिकों का कहना है — “यह सिर्फ हत्या नहीं, यह पुलिस की चूक से हुई मौत है।”
अब जनता की मांग है कि माधवनगर थाना पुलिस पर विभागीय जांच हो और कटनी पुलिस प्रशासन जवाब दे कि आखिर कब तक अपराधियों को कानून से ज्यादा भरोसा “सिस्टम की ढिलाई” पर रहेगा।

कटनी अब जवाब मांग रहा है — निगरानीशुदा अपराधियों पर निगरानी कौन रखेगा?

रविवार, 5 अक्टूबर 2025

स्लीमनाबाद में चाकूबाजी कांड — दो आरोपी गिरफ्तार, तीन नाबालिग भी निकले शामिल

कटनी। स्लीमनाबाद क्षेत्र में कुछ दिन पहले हुई चाकूबाजी की घटना ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया था। मामूली विवाद के बाद हुई इस हिंसक झड़प में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसे बाद में जबलपुर रेफर करना पड़ा। अब मामले में दो आरोपियों को जेल भेज दिया गया है, जबकि तीन नाबालिगों को किशोर न्यायालय में पेश किया गया है।

घटना 2 अक्टूबर की रात करीब सवा 10 बजे की है। ग्राम मोहानिया निवासी रविंद्र यादव (19) अपने रिश्ते के भाई सोहित यादव और सिकंदर यादव के साथ स्लीमनाबाद तिराहे पर खड़ा था। इस दौरान कृष्णकांत यादव का फोन आया कि झगड़ा हो गया है, तुरंत बहोरीबंद मोड़ के पास पहुंचो। तीनों जब मौके पर पहुंचे, तो देखा कि कृष्णकांत कुछ लोगों से उलझा हुआ है।


इसी बीच बुल्ला कोल, तुषार कोल और उनके साथी गाली-गलौज करते हुए अचानक हमला बोल देते हैं।
बुल्ला कोल ने चाकू से वार किया, जो सिकंदर यादव के पेट में जा लगा। बीच-बचाव करने पहुंचे रविंद्र और सोहित पर भी लाठी और मुक्कों से हमला किया गया, जिससे दोनों को सिर और छाती में चोटें आईं।

घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। घायल सिकंदर को 108 एम्बुलेंस की मदद से स्लीमनाबाद अस्पताल पहुंचाया गया, जहाँ से उसकी हालत नाजुक होने पर जबलपुर रेफर कर दिया गया।

इस पूरे मामले में पुलिस ने सचिन कोल (21) और मनीष कोल (19) को गिरफ्तार किया है।
दोनों आरोपी मोहदापुरा मोहल्ला, स्लीमनाबाद के निवासी हैं।
पूछताछ में दोनों ने वारदात में शामिल होने की बात कबूल की और उनके कब्जे से चाकू बरामद किया गया।
तीन अन्य नाबालिग भी इस घटना में शामिल पाए गए, जिन्हें किशोर न्यायालय में पेश किया गया है।

मामले में आरोपियों के खिलाफ धारा 115(2), 109(1), 3(5) बीएनएस के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि स्लीमनाबाद में आए दिन बढ़ रही आपराधिक घटनाएँ अब आम जन की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। इलाके में लगातार ऐसे मामलों से जनमानस में असुरक्षा और भय का माहौल है। 

कटनी की सच्चाई — विकास नहीं, विनाश की राह पर जा रहा शहर! भ्रष्टाचार, संवेदनहीनता और मूकदर्शक नेतृत्व ने डुबो दिया जिले को

कटनी कभी ईमानदारी, श्रम और औद्योगिक पहचान से देशभर में जानी जाने वाली कटनी आज भ्रष्टाचार, ढिलाई और नौकरशाही के घुटन भरे चक्रव्यूह में फंस चुकी है। यह वही कटनी है जहाँ आमजन को अब “विकास” सुनकर उम्मीद नहीं, बल्कि व्यंग्य महसूस होता है।

गागा की माँ के कपड़े सिर्फ खून से नहीं सने हैं, बल्कि इस जिले के ज़िम्मेदारों के चेहरे पर भी कालिख पोत दी गई है — वह कालिख जो किसी अपराधी की नहीं, बल्कि उन अफसरों और नेताओं की है जो जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद कर रहे हैं।

भ्रष्टाचार की जड़ें अब प्रशासन की नसों में

कागज़ों में विकास योजनाओं की बाढ़ है, लेकिन ज़मीन पर सन्नाटा।  सड़कों में गड्ढे नहीं, गड्ढों में सड़कें हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के नाम पर चल रही योजनाएँ अब “ठेकेदारी तंत्र” का हिस्सा बन गई हैं। हर मंज़ूरी, हर स्वीकृति की एक “कीमत” तय है — और उस कीमत का भुगतान जनता अपने खून-पसीने से कर रही है।

नौकरशाही की संवेदनहीनता, नेताओं की चुप्पी

कटनी के अफसर अब जनता के सेवक नहीं, बल्कि सत्ता के सहायक बन चुके हैं। और जनप्रतिनिधि? वे मूकदर्शक बनकर जनता की पीड़ा पर ताली बजाने में व्यस्त हैं। जहाँ उन्हें आवाज़ उठानी चाहिए, वहाँ वे मंच से मुस्कुराते हुए फोटो खिंचवा रहे हैं।

जिला खो रहा है अपना चरित्र

कटनी कभी कर्मनिष्ठा की मिसाल थी — पर आज यह जिला “कमीशन, कॉन्ट्रैक्ट और करप्शन” के बीच दम तोड़ रहा है। विकास के नाम पर जो काम शुरू होते हैं, वे अधूरे रह जाते हैं। जनता की आवाज़ या तो फाइलों में दबा दी जाती है या “जांच जारी है” कहकर भुला दी जाती है।

गागा की माँ की चीख – एक प्रतीक

गागा की माँ की वो बेबसी सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं, बल्कि कटनी के मरते हुए जनमानस की चीख है। जब अपराधी खुले घूमते हैं, और ईमानदार नागरिक अपनों का खून ढोते हैं — तब यह साफ हो जाता है कि शासन-प्रशासन की आत्मा मर चुकी है।

अब सवाल यह है — जिम्मेदारी कौन लेगा?

क्या जनता फिर से इन मूक नेताओं पर भरोसा करे? क्या अफसरशाही अपने दामन पर लगे दाग धो पाएगी?

या फिर कटनी को “विकास का शहर” नहीं, “विनाश का प्रतीक” बनने के लिए छोड़ दिया जाएगा?

जब तक इस शहर की बागडोर ईमानदारी और जवाबदेही के हाथों में नहीं जाएगी —

कटनी की मिट्टी में विकास नहीं, विनाश ही उगेगा। 


माधव नगर हत्याकांड — जब कानून सो गया और अपराधी जाग गए !

निगरानीशुदा बदमाश’ कर रहे हैं कत्ल, तो निगरानी किसकी हो रही है? पुलिस की पोल खोलती ये सीसीटीवी फुटेज ,

कटनी । माधव नगर हत्याकांड सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था के पतन का प्रतीक है। शहर के बीचोंबीच सरेआम हुई गगन बजाज की चाकुओं से गोदकर हत्या ने न सिर्फ नागरिकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि पुलिस की नाकामी और उसके सिस्टम में जड़ें जमा चुकी सुस्ती की भी पोल खोल दी है।

तीन दिन तक दो गुटों के बीच तनाव चलता रहा, विवाद की खबरें पुलिस तक पहुंचीं, चेतावनियां दी गईं — लेकिन सब जानते हुए भी पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। परिणाम सामने है — एक निर्दोष युवक की जान चली गई, और अपराधियों ने कानून का मखौल उड़ाते हुए यह संदेश दे दिया कि उन्हें किसी का डर नहीं।


सीसीटीवी में कातिलों की ‘ताकत’ देखिए, पुलिस का डर गायब!

घटना के जो सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं, उनमें साफ देखा जा सकता है कि आरोपी पूरी तैयारी और घेराबंदी के साथ हत्या को अंजाम देते हैं। मतलब ये साफ है — उन्हें कानून या पुलिस का कोई खौफ नहीं।

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि निगरानीशुदा बदमाशों पर “निगरानी” केवल फाइलों में है। जिन अपराधियों के नाम पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हैं, वही शहर की सड़कों पर सरेआम खून कर रहे हैं। सवाल उठता है — आखिर ऐसी “निगरानी” का मतलब क्या है? अगर अपराधी खुली हवा में कत्ल कर सकते हैं, तो पुलिस की जिम्मेदारी कहां गई?

गगन बजाज कोई अपराधी नहीं था। वह एक आम युवक था, जो पुलिस की निष्क्रियता की कीमत अपनी जान देकर चुका गया। प्रशासन की ढिलाई अब “लापरवाही” नहीं, बल्कि “मिलीभगत” जैसी लगने लगी है। शहर में अपराधियों के हौसले जिस तरह बुलंद हैं, वह इस बात का संकेत है कि कानून का भय समाप्त हो चुका है।

कटनी जैसे शांत शहर में जब जनता खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे, तो यह चेतावनी है — न केवल पुलिस के लिए, बल्कि पूरे प्रशासनिक ढांचे के लिए। अब वक्त है कि पुलिस विभाग अपनी “जांच जारी है” वाली औपचारिक भाषा से आगे बढ़े और जवाबदेही तय करे।

यह हत्या केवल एक युवक की नहीं, बल्कि कानून के भरोसे की भी हत्या है। यदि इस बार भी कार्रवाई सिर्फ बयानबाजी तक सीमित रही, तो अपराधियों के हौसले और बढ़ेंगे, और अगला गगन बजाज शायद किसी और घर से उठेगा।

प्रश्न सिर्फ एक है — क्या अब भी पुलिस जागेगी, या फिर कटनी में अपराधियों का राज चलता रहेगा?

कटनी -: एक बार फिर चाकुओं से गोदकर युवक की हत्या, मामूली कहा-सुनी ने ली जान, आख़िर कब तक यूं मारे जाते रहेंगे निर्दोष ..?

कटनी। जिले में अपराधों का ग्राफ दिन व दिन बेकाबू होता जा रहा है। दिनदहाड़े लूट, चोरी और अब लगातार बढ़ती चाकूबाजी की वारदातों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालात ऐसे हैं कि आम आदमी अब घर से निकलने में भी डरने लगा हैं।

जब से पुलिस कप्तान अभिनय विश्वकर्मा ने जिले की कमान संभाली है, तब से अपराधों की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही। अधीनस्थ अधिकारी केवल प्रेस विज्ञप्तियों तक सिमटकर रह गए हैं, जबकि अपराधियों के हौसले सातवें आसमान पर हैं। कप्तान की निष्क्रियता और अधीनस्थों की सुस्ती ने जिले को अपराध की दलदल में धकेल दिया है।


शनिवार की आधी रात माधव नगर थाना क्षेत्र के रॉबर्ट लाइन इलाके में फिर एक निर्मम हत्या ने शहर को दहला दिया। मामूली कहा-सुनी में तीन बदमाशों ने युवक पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर उसकी हत्या कर दी। वारदात रात करीब साढ़े 12 बजे की है, जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी।

मृतक की पहचान गागा उर्फ गगन (25) पिता कालू राम बजाज, निवासी रॉबर्ट लाइन के रूप में हुई। हमले के बाद लहूलुहान हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उसकी मौत हो गई।

माधव नगर पुलिस के अनुसार, पुलिस ने संदिग्ध तीन हमलावरों  — अभय दुबे (24), साहिल वाधवानी (21) और आशीष उर्फ भूरा उर्फ प्रेम तिवारी — को हिरासत में ले लिया है। इनमें से एक आरोपी निगरानीशुदा बदमाश है जो पूर्व में भी जघन्य अपराधों में शामिल रह चुका है।

प्रारंभिक जांच में सामने आया कि तीनों आरोपी प्रतिमा विसर्जन देखने माधव नगर आए थे, जहां किसी बात पर गगन से कहा-सुनी हो गई। बात इतनी बढ़ी कि तीनों ने गगन पर चाकू से लगातार वार कर दिए। कमर के नीचे लगे गहरे घाव से अधिक रक्तस्राव हुआ और गगन की मौत हो गई।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक मृतक का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था, जबकि आरोपियों पर पहले से कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने हत्या के आरोप में तीनों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है।

कटनी में कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल — निगरानीशुदा बदमाश खुलेआम घूम रहे, पुलिस सिर्फ बयानबाजी में सक्रिय।


सेना के जवान पर हमला करने वाले 15 दिन बाद सलाखों के पीछे, हीरा ढाबा कांड के 6 उपद्रवी गिरफ्तार !

झिंझरी के हीरा ढाबा में आधी रात मचाया था आतंक, तोड़फोड़ और मारपीट से थर्रा उठा इलाका

कटनी। सरहद पर देश की रक्षा करने वाले सैनिक को शहर के भीतर ही दबंगों के कहर का शिकार होना पड़ा। 21 सितंबर की रात 12:30 बजे गुलवारा बायपास स्थित हीरा ढाबा में गनियारी निवासी आर्मी जवान शरद तिवारी और उनके साथी व्यापारी वीरेन्द्र सराफ पर आधा दर्जन उपद्रवियों ने बेरहमी से हमला कर दिया। जवान और व्यापारी की पिटाई के साथ ही ढाबे में जमकर तोड़फोड़ मचाई गई। घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई।

लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि इतने संगीन अपराध के बाद भी पुलिस ने रातभर आंखें मूँद रखीं। घटना की कायमी तत्काल करने के बजाय कई घंटों की देरी कर दी गई। फरियादी जब थाने-चौकी में भटकते-भटकते थक गए और सीधे पुलिस कप्तान के दरवाजे पहुंचे, तब जाकर पुलिस हरकत में आई। सवाल लाजिमी है कि—क्या पुलिस दबंगों को बचाने में लगी थी?

पुलिस का ढुलमुल रवैया अपनाने के बाद आखिरकार जनता के गुस्से और दबाव ने पुलिस को मजबूर किया और उन्होंने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दिया।


गिरफ्तार आरोपी

  1. विवेक तिवारी पिता ओमप्रकाश तिवारी (27 वर्ष), निवासी आधारकाप
  2. प्रियांशु रजक पिता राजेन्द्र रजक (25 वर्ष), निवासी चाण्डक चौक
  3. शुभम उर्फ सुम्मी दुबे पिता राकेश दुबे (22 वर्ष), निवासी आधारकाप
  4. हर्ष तोमर पिता बालकृष्ण तोमर (24 वर्ष), निवासी आधारकाप
  5. राहुल रजक पिता दीनदयाल रजक (28 वर्ष), निवासी आधारकाप
  6. नितिन निषाद पिता कन्हैयालाल निषाद (19 वर्ष), निवासी आधारकाप

जनता का सवाल

लोगों का कहना है—अगर पीड़ित सेना का जवान न होता, तो क्या पुलिस की नींद और लंबी खिंचती?
शहर में यह मामला पुलिस की लेटलतीफी और ढुलमुल रवैये का एक और जीता-जागता उदाहरण बनकर सामने आया है।


शनिवार, 4 अक्टूबर 2025

चिता पर टपका भ्रष्टाचार का पानी! विजयराघवगढ़ विधानसभा के बरही मुक्तिधाम की शर्मनाक हकीकत , देखिए वीडियो -

कटनी। विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बरही नगर परिषद में भ्रष्टाचार का एक शर्मनाक उदाहरण सामने आया है। वार्ड क्रमांक 14 छिंदिया टोला स्थित नव-निर्मित मुक्तिधाम की छत इतनी घटिया गुणवत्ता से बनाई गई है कि बारिश होते ही पूरा पानी सीधे चिता पर टपक रहा है।

ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि “बरही में तो मुर्दे भी भ्रष्टाचार से नहीं बच पा रहे, मुक्ति धाम तक को लूटखसोट से नहीं छोड़ा गया।”

जिम्मेदारी पर सवाल

ग्रामीणों का आरोप है कि इस मामले की जानकारी नगर परिषद अध्यक्ष, सीएमओ, ठेकेदार और वार्ड पार्षद सभी को दी जा चुकी है, लेकिन समस्या का निदान नहीं किया गया। जनता का सवाल है कि आखिर इस घटिया निर्माण की जवाबदेही कौन लेगा और भ्रष्टाचार की गंदगी कब साफ होगी?


पवित्र स्थल भी भ्रष्टाचार की चपेट में

स्थानीय लोगों का कहना है कि मुक्ति धाम जैसे पवित्र स्थल पर भी भ्रष्टाचारियों ने डाका डाल दिया है। अंतिम संस्कार के समय चिता पर टपकता पानी न केवल परिजनों के लिए पीड़ा का कारण है, बल्कि सिस्टम की नाकामी और जिम्मेदारों की मिलीभगत का भी सबूत है।

जांच और कार्रवाई की मांग

ग्रामीणों ने मांग की है कि विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के इस गंभीर मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारियों/जनप्रतिनिधियों पर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की शर्मनाक स्थिति दोबारा न बने।

शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025

गांधी जयंती पर साहित्यकार शैलेन्द्र पयासी की विशेष रचना, "गांधी" रचना ने दिलों को किया प्रेरित


कटनी।
गांधी जयंती के अवसर पर विजयराघवगढ़ (कटनी) के साहित्यकार शैलेन्द्र पयासी ने सार छंद (16,12) में लिखी अपनी रचना “गांधी” प्रस्तुत कर लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। यह कविता महात्मा गांधी के जीवन, उनके आदर्शों और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को समर्पित है।

कवि ने गांधी जी को “शांति दूत” और “बापू सबके प्यारे” के रूप में स्मरण करते हुए उनके कार्यों का चित्रण किया है। कविता में खादी, चरखा, भारत छोड़ो आंदोलन, महिला अधिकार, भेदभाव-उन्मूलन और स्वतंत्रता की लड़ाई जैसे प्रसंगों का उल्लेख है।

रचना : गांधी

शांति दूत थे गांधी बाबा, जग में सबसे न्यारे।
मिले महात्मा गांधी हमको, बापू सबके प्यारे।।

काटे बंधन घातक सारे, हिला प्रशासन सारा।
भारत छोड़ो आंदोलन में, चुन-चुन अरि को मारा।।
बापू मेरे जग में न्यारे, दुश्मन उनसे हारे।
मिले महात्मा गांधी हमको, बापू सबके प्यारे।।

खादी बनता चरखा चलता, नव पहचान बनाई।
भोग वासना मदिरा छोड़ी, बात नई सिख लाई।।
सत्य अहिंसा पाठ पढ़ा कर, रोज लगाये नारे।
मिले महात्मा गांधी हमको, बापू सबके प्यारे।।

भेदभाव को खत्म किया है, नव सम्मान दिलाया।
महिला रक्षा अधिकार बने, न्याय उचित करवाया।।
गांधी जी के पथ पर चलना, हो अब लक्ष्य हमारे।
मिले महात्मा गांधी हमको, बापू सबके प्यारे।।

दक्षिण अफ्रीका से गांधी, बैरिस्टर बन आए।
देश प्रेम में बढ़ता भारत, खुशियाँ गांधी लाए।।
देश वतन पर मिटना हमको, गूँजे जन-जन नारे।
मिले महात्मा गांधी हमको, बापू सबके प्यारे।।

शैलेन्द्र पयासी, साहित्यकार
विजयराघवगढ़, कटनी (मध्यप्रदेश)

समाज को दिया संदेश

यह रचना गांधी जयंती पर सभी को यह प्रेरणा देती है कि गांधी जी के बताए सत्य, अहिंसा और सद्भाव के मार्ग पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।


गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025

शुष्क दिवस पर भी शराब का कारोबार बेकाबू, NKJ थाना क्षेत्र के देवरा खुर्द का वीडियो वायरल – जिम्मेदारों पर कब होगी सख्ती?

कटनी।
प्रदेश में शुष्क दिवस घोषित होने के बावजूद कटनी में शराब माफिया कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते रहे। एनकेजे थाना क्षेत्र के देवरा खुर्द गांव में खुलेआम शराब बिक्री का वीडियो वायरल हुआ है। पैकारियों के जरिए गांव-गांव में अवैध शराब परोसी जाती रही और पुलिस बेखबर बनी रही।


याद रहे, कुछ दिन पहले ही गर्ग चौराहे पर पुलिस कप्तान की मौजूदगी में आधी रात को शटर के नीचे से शराब बेचने का वीडियो वायरल हुआ था। लेकिन विभागीय जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने के बजाय कप्तान ने दुकान संचालक और सेल्समैन पर केस दर्ज कर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर औपचारिकता पूरी कर दी। अब सवाल यह है कि आखिर जिम्मेदारों पर कब तय होगी जिम्मेदारी?


ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधि भी कई बार अवैध कारोबार की शिकायत कर चुके हैं। सरपंच विनोद तिवारी वीडियो जारी करते हुए बताया कि यह वीडियो तो महज एक दिन का है यहां रोजाना स्कूल जाने वाले बच्चे, राहगीर बुजुर्ग सब इस जमाबड़े से परेशान रहते है कई बार एनकेजे थाने में ज्ञापन दिया पर कार्यवाही शून्य वही जुहला सरपंच मोहित पाठक ने बताया कि शुरुवात में ही सरपंच संघ सहित कप्तान को ज्ञापन देकर नशे के कारोबार पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन कार्रवाई के नाम पर नतीजा शून्य रहा।


अब बड़ा सवाल यह है –

●क्या पुलिस कप्तान अधीनस्थों की गुमराह करने वाली रिपोर्टों में उलझे हुए हैं?

●या फिर सबकुछ जानते हुए भी मूक सहमति जता रहे हैं?

कटनी के इतिहास में शायद ही कभी ऐसा हुआ हो कि पुलिस कप्तान की मौजूदगी में अपराधी इतने निडर होकर अपराध कर रहे हों और कानून को ठेंगा दिखा रहे हों।

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वायरल वीडियो में नाबालिग बच्चा भी मौके पर मौजूद है। इसी वजह से इसे सार्वजनिक करना उचित नहीं समझा गया।

हालांकि, यदि विभागीय जांच के लिए पुलिस प्रशासन चाहे तो वीडियो उपलब्ध कराया जा सकता है।




कटनी में डोर टू डोर कचरा इकठ्ठा के नाम पर खजाने की लूट, मिट्टी मिलाकर बढ़ाया जा रहा वजन , क्या नगर निगम और एमएसडब्ल्यू कंपनी की मिलीभगत से जनता और सरकार को लगाया जा रहा चुना?

कटनी। नगर निगम की डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। शहर की सफाई का जिम्मा उठाने वाली एमएसडब्ल्यू कंपनी पर आरोप है कि वह कचरे में मिट्टी मिलाकर वजन बढ़ा रही है और निगम से मोटी रकम वसूल रही है।

रपटा पेट्रोल पंप के पास रंगे हाथों खेल

ताज़ा मामला रपटा पेट्रोल पंप के पास सामने आया, जहां कचरा गाड़ी ने सड़क किनारे जमी गीली मिट्टी को कचरे की तरह लोड किया। खेल साफ है — जितना ज्यादा वजन, उतना ज्यादा भुगतान।


जनता पर डाका, निगम खामोश

स्थानीय लोगों का आरोप है कि कंपनी शुरू से ही 1 टन कचरे में मिट्टी मिलाकर उसे 1.5 टन तक बढ़ाने का खेल खेल रही है।

समय-समय पर इसके वीडियो और फोटो भी सामने आते रहे हैं, मगर जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि हर बार कार्रवाई से बचते दिखे।

बताया जा रहा है कि नगर निगम रोज़ाना लगभग 120 टन कचरा एमएसडब्ल्यू को सौंपता है, जबकि वास्तविक कचरा 100 टन से भी कम होता है।

कंपनी को रोज़ करीब अधिकतम ट्रिपो का भुगतान किया जाता है।

यानि सीधे-सीधे करोड़ों की हेराफेरी, और यह सब नगर निगम के जिम्मेदारों की आँखों के सामने हो रहा है।

क्या मिलीभगत का मामला?

कहा गए निगम के संबधित योजना अधिकारी व स्वास्थ्य अधिकारी की चुप्पी और जनप्रतिनिधियों का मौन यह सवाल खड़ा करता है  कि कहीं यह सब सुनियोजित मिलीभगत का नतीजा तो नहीं? यदि अधिकारी वाकई अनजान हैं तो यह लापरवाही है, और अगर जानबूझकर आंखें मूँद रखी हैं तो यह भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है। दोनों ही हालात में नुकसान सिर्फ जनता और सरकार का हो रहा है।

जनता की मांग

कटनी की जनता अब ठगी से परेशान है और सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है। लोग चाहते हैं कि—

1. पूरे कचरा प्रबंधन अनुबंध की जांच उच्चस्तरीय कमेटी से कराई जाए।

2. भुगतान प्रणाली सिर्फ वजन पर नहीं, बल्कि जीपीएस व वास्तविक डाटा से जोड़ी जाए।

3. दोषी कंपनी और अधिकारियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई हो।

       साफ है कि “घर-घर कचरा कलेक्शन” की आड़ में कटनी में खजाने की लूट मची हुई है। अब जनता पूछ रही है — “निगम और कंपनी का खेल कब तक चलेगा?”

बुधवार, 1 अक्टूबर 2025

शर्मनाक! SP की मौजूदगी में खुली अवैध शराब बिक्री , अधीनस्थों पर जिम्मेदारी तय करने से कतराई पुलिस, संचालक और सेल्समैन पर मामला दर्ज

कटनी। नवरात्र जैसे पावन पर्व में भी पुलिस की नाकामी का काला चेहरा सामने आ गया। गर्ग चौराहा स्थित देशी-अंग्रेजी शराब दुकान में उस वक्त शटर बंद कर अवैध शराब बेची जाती रही जब जिले के SP पूरे लाव-लश्कर के साथ शहर का निरीक्षण कर रहे थे। इस दुस्साहस का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, पुलिस की भद्द पिट गई और आनन-फानन में दुकान संचालक शुभम जायसवाल और सेल्समेन के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया। मगर सबसे बड़ा सवाल यह है कि कोतवाली और खिरहनी चौकी की जिम्मेदारी तय करने की हिम्मत पुलिस क्यों नहीं जुटा पाई?

जिम्मेदारी से भागती पुलिस

दुकान कोतवाली और खिरहनी चौकी क्षेत्र में होने के बावजूद वहां के पुलिसकर्मी पूरी तरह नाकाम साबित हुए।

SP की मौजूदगी में ही खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ना पुलिस पर गहरे सवाल खड़े करता है।

क्या पुलिस केवल छोटे संचालकों और कर्मचारियों पर शिकंजा कसकर अधीनस्थ अधिकारियों को बचाना चाहती है?

प्रशासन पर गंभीर सवाल

नियम साफ कहते हैं कि सुबह 9:30 बजे से रात 11:30 बजे तक ही शराब बिक्री की अनुमति है। इसके बाहर बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है। बावजूद इसके SP के निरीक्षण के दौरान ही अवैध बिक्री होना पुलिस की कार्यप्रणाली और जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका को कटघरे में खड़ा करता है।

लाइसेंस निलंबन की तैयारी

कोतवाली पुलिस ने लाइसेंसी और सेल्समेन के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। साथ ही लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई भी प्रस्तावित की जा रही है।

लेकिन बड़े सवाल अब भी बाकी––

क्या सिर्फ संचालक पर केस दर्ज कर पुलिस अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेगी?

अधीनस्थों पर कार्रवाई से पुलिस क्यों भाग रही है?

SP की मौजूदगी में भी नियम तोड़ने वालों के हौसले इतने बुलंद कैसे?

कोतवाल की भूमिका पर भी सवाल

सबसे अहम पहलू यह है कि जहाँ यह गोरखधंधा चल रहा था, वह नगर कोतवाली का इलाका है। अगर SP की मौजूदगी में ही यह कारोबार धड़ल्ले से चलता रहा तो साफ है कि यह रोजमर्रा का खेल है। कोतवाल साहब को इस बात की परवाह तक नहीं रही कि इस लापरवाही से पुलिस कप्तान की भी किरकिरी होगी।

 कटनी पुलिस की यह लापरवाही साबित करती है कि अवैध कारोबारियों से ज्यादा मजबूत रिश्ता उनके और जिम्मेदार अधिकारियों के बीच का है।

मध्यप्रदेश की 10 यूनिवर्सिटी पर यूजीसी की गाज! छात्रों की डिग्री पर मंडराया खतरा, पारदर्शिता में निकली हवा

भोपाल। मध्यप्रदेश की 10 निजी विश्वविद्यालयों की साख पर अब काला धब्बा लग गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इन्हें डिफॉल्टर घोषित करते हुए कठोर कार्रवाई की है। वजह है—छात्रों से जुड़ी जरूरी जानकारी छुपाना और अकादमिक गतिविधियों में पारदर्शिता से खिलवाड़।

यूजीसी ने इन विश्वविद्यालयों को बार-बार नोटिस भेजे, मेल किए, चेतावनी दी… लेकिन बेपरवाह प्रबंधन ने कान पर जूं तक नहीं रेंगी। नतीजा—अब हजारों छात्रों की डिग्री पर संकट और अभिभावकों की नींद उड़ गई है।


क्यों गिरी गाज?

  • वेबसाइट पर मान्यता, रैंकिंग और स्वायत्तता की स्थिति गायब
  • पाठ्यक्रम, फीस व प्रवेश नियम अस्पष्ट
  • फैकल्टी प्रोफाइल और रिसर्च प्रोजेक्ट का कोई अता-पता नहीं
  • स्टार्टअप सेल, प्लेसमेंट सेल और शिकायत समिति की जानकारी गायब
  • परीक्षा परिणाम तक सार्वजनिक नहीं किए गए

छात्र न तो पारदर्शिता देख पा रहे हैं, न ही अपने भविष्य को लेकर स्पष्टता मिल रही है।


ये हैं डिफॉल्टर यूनिवर्सिटी

1.आर्यावर्त विश्वविद्यालय, सीहोर
2.एपी विश्वविद्यालय, भोपाल
3.डॉ. प्रीति ग्लोबल यूनिवर्सिटी, शिवपुरी
4.ज्ञानवीर विश्वविद्यालय, सागर
5.जेएनसीटी प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भोपाल
6.एलएनसीटी विद्यापीठ विश्वविद्यालय, इंदौर
7.महाकौशल विश्वविद्यालय, जबलपुर
8.महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय, जबलपुर
9.मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सीहोर
10.शुभम् विश्वविद्यालय, भोपाल


छात्रों में हड़कंप, यूजीसी का अल्टीमेटम

छात्रों में अफरा-तफरी मच गई है। सवाल उठ रहे हैं कि अगर विश्वविद्यालय ने स्थिति नहीं सुधारी तो क्या डिग्री कागज का टुकड़ा बन जाएगी? यूजीसी ने साफ कहा है—पारदर्शिता से समझौता नहीं, वरना मान्यता पर भी कैंची चल सकती है।


मंगलवार, 30 सितंबर 2025

सिंधिया समेत 25 रसूखदारों ने शस्त्र किए सरेंडर, कटनी में भी 6 लाइसेंसधारियों को जमा करने होंगे अतिरिक्त शस्त्र

भोपाल/कटनी। मध्यप्रदेश गृह विभाग की सख्ती के बाद ग्वालियर-चंबल संभाग के रसूखदारों को अपने अतिरिक्त शस्त्र सरेंडर करने पड़े हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी नियमों का पालन करते हुए अपना तीसरा हथियार जमा कर दिया। विभाग ने साफ कर दिया है कि अब किसी भी व्यक्ति के पास दो से अधिक शस्त्र लाइसेंस नहीं रहेंगे।

गृह विभाग का आदेश

गृह विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं कि जिनके पास दो से अधिक शस्त्र हैं, उनके अतिरिक्त लाइसेंस निरस्त कराए जाएं और हथियार जमा कराए जाएं। इस आदेश के बाद ग्वालियर-चंबल संभाग के 25 प्रभावशाली लोगों ने अपने अतिरिक्त हथियार जमा कर दिए।

सिंधिया ने किया पालन, संजय शर्मा पर सवाल

जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री सिंधिया के पास दो राइफलें और एक पिस्टल थीं। वर्ष 2024 में उन्होंने एक हथियार सरेंडर कर दिया था और अब गृह विभाग के आदेश पर तीसरा हथियार भी जमा कर दिया। वहीं, भाजपा नेता संजय शर्मा ने अब तक अपना अतिरिक्त शस्त्र जमा नहीं किया है। वे पुलिस सुरक्षा लेने और निर्धारित शुल्क न भरने को लेकर पहले भी चर्चा में रहे हैं।

प्रदेशभर में 913 लाइसेंसी चिह्नित

गृह विभाग ने प्रदेशभर में ऐसे 913 शस्त्र लाइसेंसधारियों की पहचान की है, जिनके पास दो से अधिक हथियार दर्ज हैं। सभी को अतिरिक्त शस्त्र सरेंडर करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जिलों से रिपोर्ट 3 अक्टूबर तक मांगी है।

कटनी में भी 6 लोगों को जमा करने होंगे हथियार

इधर, कटनी जिले में भी कार्रवाई शुरू हो गई है। अपर कलेक्टर एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट नीलांबर मिश्रा ने बताया कि जिले के 6 लाइसेंसधारियों के पास दो से अधिक हथियार दर्ज हैं। इन्हें अतिरिक्त शस्त्र समर्पण या विक्रय करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए अपर कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक कटनी को पत्र लिखकर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है।

यह कार्रवाई आर्म्स एक्ट 1959 और गृह मंत्रालय के निर्देशों के पालन में की जा रही है।


तीन जिलों में लूट की वारदातों को अंजाम देने वाला कुख्यात लुटेरा टीच पारधी गिरफ्तार

कटनी। कटनी सहित तीन जिलों में लूट की वारदातों को अंजाम देने वाला कुख्यात आरोपी करन उर्फ टीच पारधी पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। आरोपी पर ₹10,000 का इनाम घोषित था और वह कर्नाटक राज्य में फरारी काट रहा था।

जानकारी के अनुसार आरोपी टीच पारधी निवासी हरदुआ मदार टेकरी, थाना कुठला, कटनी लंबे समय से फरार चल रहा था और जबलपुर, मैहर तथा कटनी जिले में हाइवे पर राहगीरों को रोककर लूट करता था। आरोपी के खिलाफ लूट के 5 संगीन प्रकरण दर्ज हैं।

लूट की वारदात और गिरफ्तारी

दिनांक 15 सितम्बर 2025 को जबलपुर से लौट रहे मानसरोवर कॉलोनी निवासी अखिलेश श्रीवास्तव के साथ लूट हुई थी। बदमाशों ने चाकू की नोक पर आभूषण, नगदी व मोबाइल सहित करीब ₹2.72 लाख का माल लूट लिया था। इस मामले में थाना स्लीमनाबाद में अपराध दर्ज किया गया था।
पुलिस ने विवेचना के दौरान पहले ही तीन आरोपियों – रुआ पारधी, संजय उर्फ संजू सोनी और अंकित उर्फ अखिलेश सोनी – को गिरफ्तार कर 43.710 ग्राम सोना (कीमत लगभग ₹4.50 लाख) बरामद किया था।

मुख्य आरोपी टीच पारधी की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी थीं। आखिरकार उसे पकड़ लिया गया और उसकी निशानदेही पर ₹2200 नगदी व एक चाकू बरामद किया गया।

अन्य जिलों में दर्ज मामले
आरोपी के खिलाफ कई जिलों में आपराधिक मामले दर्ज हैं –

  • थाना सिहोरा (जबलपुर) – अपराध क्र. 378/25
  • थाना खितौला (जबलपुर) – अपराध क्र. 192/25
  • थाना मैहर (सतना) – अपराध क्र. 512/25
  • बस स्टैंड चौकी, थाना कोतवाली कटनी – अपराध क्र. 529/25
  • थाना स्लीमनाबाद (कटनी) – अपराध क्र. 368/25

कटनी पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में राहत की लहर है। लगातार हो रही लूट की घटनाओं से चिंतित लोग अब चैन की सांस ले रहे हैं।

कटनी पुलिस पर सवालों की बौछार : कैलवारा में जुआ फड़ का वीडियो वायरल, चौकी प्रभारी लाइन अटैच – कोतवाल पर कप्तान की मेहरबानी चर्चा में

कटनी। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो ने जिले की खाकी पर सीधा सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि मंदिर के पास ताश के पत्तों पर खुलेआम दांवपेंच लगाए जा रहे हैं और जुआ फड़ बेरोकटोक संचालित हो रहा है। यह दृश्य बस स्टैंड चौकी अंतर्गत कैलवारा क्षेत्र का बताया जा रहा है।

जिस जिले में अपराधी खुलेआम कानून को धता बताते नजर आएं, वहां दो ही संभावना बनती है—या तो अपराधियों में पुलिस का कोई खौफ नहीं बचा, या फिर पुलिस ही उनकी संरक्षक बन चुकी है।


वीडियो वायरल होते ही पुलिस अधीक्षक ने चौकी प्रभारी को लाइन अटैच कर खानापूर्ति तो कर दी —लेकिन सबसे बड़ा सवाल यहीं से खड़ा होता है कोतवाली थानेदार पर इतनी मेहरबानी क्यों? क्या कप्तान कोतवाली का नाम सुनते ही आंखें मूंद लेते हैं?

याद रहे, यही वह कोतवाल हैं जिन्होंने आरक्षक से लेकर मानसेवी डीएसपी तक का सफर इसी जिले की गोद में पूरा किया और अब कोतवाली का मोह किसी भी कीमत पर छोड़ने को तैयार नहीं। सवाल यह भी है कि क्या इसी मोह ने अपराधियों के लिए आश्रय का माहौल तैयार किया है?

जनता पूछ रही है—जब अपराध हर दिन सिर चढ़कर बोल रहे हैं, तब कप्तान का यह चुप्पा रवैया आखिर किसके लिए है? अगर कप्तान के इक़बाल से अपराधियों में डर पैदा नहीं होता, तो फिर जिले की खाकी माफियाओं की चौकीदारी करने के अलावा बची ही क्या?

साफ है कि कप्तान की मेहरबानी और खामोशी अपराधियों की ताकत बन चुकी है। कटनी की जनता अब यह समझ चुकी है कि जब तक खाकी पर बैठे लोग अपने ‘चहेतों’ पर शिकंजा कसने की हिम्मत नहीं जुटाएंगे, तब तक अपराध और माफियागिरी जिले की असली सरकार बनी रहेगी।