भोपाल(मप्र) -: मामला है मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का जहाँ एक परिवार के अरसे से चले आ रहे विवाद का जिसमे मप्र मानवाधिकार आयोग के नरेंद्र न्यायधीश नरेंद्र कुमार जैन द्वारा कई सूचना पत्र भेजने के वाबजूद डीआई भोपाल रेंज इरशाद वली ने जवाब देना उचित नही समझा। अब आयोग के न्यायाधीश द्वारा DIG को 31 मार्च 2021 तक स्वयं उपस्थित होकर स्पष्टिकरण देने के लिए कहा साथ ही इरशाद वली के खिलाफ 5 हजार का जमानती वारंट भी जारी कर दिया ।
यह ज़मानती गिरफ्तारी वारंट पुलिस महानिरीक्षक, भोपाल पुलिस रेंज, भोपाल के जरिये तामील कराया जायेगा। उल्लेखनीय है कि आयोग को 27 दिसम्बर 2019 को मकान नं. 19-20, शिव नगर कालोनी विदिशा रोड, फेस-1 भोपाल निवासी आवेदिका कविता पत्नी राकेश रावत गोंड व अन्य का आवेदन प्राप्त हुआ, जिसमें आवेदिका ने लेख किया था कि देवरानी व जिठानी के मध्य विवाद होने पर अनावेदक एसआई राकेश तिवारी व अन्य पुलिस थाना छोला रोड, भोपाल द्वारा थाने में दोनों महिलाओं को बुलाकर मार-पीट करने, अश्लील हरकतें कर 50 हज़ार रूपयों की मांग की गई थी। साथ ही दोनों महिलाओं का अपराध बताये बिना व उनके परिजनों को सूचित किये बिना ही जेल भिजवा देने के अलावा इस संबंध में कहीं शिकायत करने पर हत्या कर देने की धमकी देने की शिकायत की गई थी। इस मामले में आयोग ने 20 जनवरी 2020 से लेकर 24 दिसम्बर 2020 तक डीआईजी भोपाल इरशाद वली को कई नामजद सूचना पत्र भेजकर समय सीमा में प्रतिवेदन देने के लिये कहा गया था।किंतु डीआईजी की ओर से प्रतिवेदन अबतक प्राप्त नहीं हुआ है।
इस पर आयोग द्वारा अब व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 32(ग) के अधीन डीआईजी भोपाल इरशाद वली को नामजद नोटिस जारी कर उन्हें निर्देशित किया कि वे 31 मार्च 2021 को आयोग के समक्ष स्वयं उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण दें। आयोग ने डीआईजी भोपाल रेंज के नाम पांच हज़ार रूपये का ज़मानती गिरफ्तारी वारंट 18 मार्च 2021 को ही जारी कर दिया है।
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