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बुरे और अच्छे स्पर्श की जानकारी के साथ बताए सुरक्षा के बुनियादी बचाव । अपराधी करीबी रिश्तेदार,पड़ोसी कोई भी हो सकते हैं।

कटनी -:
लिटिल स्टार फाउंडेशन संस्था के नन्हे बच्चों को चाइल्ड हेल्प लाइन की ओर से अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में जानकारी दी गई साथ ही समाजसेविका पायल जेतवानी ने उन्हें मुसीबत आने पर अपनी रक्षा करने के बुनियादी टिप्स भी करके बताए। 
चाइल्ड हेल्प लाइन से पायल जेतवानी ने बच्चों से बातचीत करते हुए उन्हें बताया कि जिस स्पर्श से आपको असहजता लगे वही बुरा टच है और जिस टच में आपको शांति मिले वह गुड टच होते हैं।बच्चों को बताया कि शरीर के कौन से ज़ोन बेड टच में आते हैं। मुंह,छाती ,जंघाएँ, कमर और उसके आसपास किए जाने वाले स्पर्श खराब होते हैं। यदि ऐसी स्थिति आती है तो आप चिल्लाकर मदद मांगिए,और दुर्भावना से छूने वाले से खुद को बचाने का प्रयास करें।जरूरत हो तो सेल्फ डिफेंस का उपयोग करें, शोर करके मदद मांगें।ऐसी बातें अपने माता पिता को अवश्य बताएं। माता पिता की मौजूदगी में डॉक्टर उपचार करने के लिए नो टच जोन को स्पर्श करते हैं।यह आपत्तिजनक टच की श्रेणी में नहीं आता। खेलते समय दोस्तों का हाथ पकड़ना, परिवार के लोगों से गले मिलना आदि गुड टच माने जाते हैं।यह सबके सामने किए जाते हैं।
पायल जेतवानी ने कहा कि यह स्वीकार करना बहुत शर्मनाक है कि बेड टच के लिए हमारे करीबी रिश्तेदार भी दोषी होते हैं। इसलिए हमेशा सतर्क रहें। अभिभावकों को भी अपने बच्चों को गुड टच बेड टच की शिक्षा देनी चाहिए। पहले बच्चे के दोस्त बनें उन्हें खुलकर बताने दें फिर माता पिता बने।उन्हें समझाएं कि हर कोई अच्छा नहीं होता। 

1098 डायल करें

पायल जेतवानी ने बच्चों से कहा कि आप बाहर पढ़ रहे हैं , अपने लोगों से दूर हैं ऐसे समय आप बेड टच के खतरे से घिरे हैं तो 1098 नम्बर डायल कर सूचना दें। यह फोन मुम्बई से जुड़ेगा और इसकी विशेषता है कि आपको एक घण्टे के भीतर मदद अवश्य मिलेगी। बच्चों को  स्पर्श की,आत्मरक्षा की जानकारी देने के अलावा उनमें कॉन्फिडेंस का स्तर बढाने की बारीकियों पर भी प्रकाश डाला गया।

इस अवसर पर चाइल्ड हेल्प लाइन से शैलेन्द्र सिंह, शालिनी दाहिया भी उपस्थित थे। संस्था की ओर से अभिलाषा पयासी ने सबका आभार व्यक्त किया।

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