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"बक्सवाहा का जंगल देश का सबसे बड़ा हीरा भंडार" , हमारे लिए हरियाली ही हीरा है -: कु. डोली दुबे

बुंदेलखंड -: जैसा की आप सभी को पता है की महामारी के इस दौर में ना जाने कितने लोग ऑक्सीजन की कमी से मौत के मुंह में समा गए और हमारे देश की एक व्यापक समस्या चर्चा में है - "बक्सवाहा के जंगल देश का सबसे बड़ा हीरा भंडार"

बक्सवाहा हमारे बुंदेलखंड क्षेत्र का एक छोटा सा कस्बा है जहां के जंगलों में देश का सबसे बड़ा हीरा भंडार खोजा गया मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले स्थित बक्सवाहा के जंगल की जमीन में  3.42 करोड़ कैरेट हीरे दबे होने का अनुमान है और उन्हें निकालने के लिए 382.131 हेक्टेयर का जंगल खत्म किया जाएगा वन विभाग ने इस जंगल के पेड़ों की गिनती की है जो 2,15,875 है यह सरकारी आंकड़ा है वास्तविकता में इससे कहीं अधिक पेड़ इन जंगलों में होंगे l

  और यह जंगल जैव विविधता की दृष्टि से यह जंगल संपन्न है सरकार द्वारा हीरे की खोज में 2.15 लाख से अधिक पेड़ काटे जाएंगे 

   पन्ना में बरसों से हीरा उत्खनन चलता आ रहा लेकिन वह आज भी पिछड़ा हुआ है मतलब वहां के हीरे लोकल जनता के किसी काम ना आए केवल उद्योगपति फायदा लेकर विदेश निकल गए जब बुंदेलखंड से निकले हीरे बुंदेलखंड की विकास में कोई योगदान नहीं दे पाए तो सरकार को कोई हक नहीं की बुंदेलखंड की आत्मा को छलनी किया जाए 

बक्सवाहा के जंगल में रहने वाले हजारों प्राणी मोर, हिरण, नीलगाय, बंदर बहुत से पक्षी आदि अन्य जीव सभी बेघर हो जाएंगे साथ ही बुंदेलखंड की जमीन से एक सुंदर जंगल का नामो निशान मिट जाएगा और आज के समय में ऐसे जंगल को निर्मित कर पाना असंभव है हमें इसे इसलिए बचाना ही होगा जंगल हमारी दुनिया की लाइफ लाइन है इनके बगैर हम पृथ्वी पर जिंदगी का पहिया घूमने का तसव्वुर भी नहीं कर सकते इस ग्रह को पेड़ जो सेवा देते हैं उनकी सेवाएं बहुत लंबी हैं वे इंसानों और दूसरे जानवरों के छोड़े हुए कार्बन को सोखते है जमीन पर मिट्टी की परत को बनाए रखने का काम करते हैं पानी के चक्र के नियमितीकरण में भी इनका अहम योगदान हैl

    इसके साथ कितनी प्रजातियों को भोजन प्रदान करते हैं इसके अलावा ये दुनिया के अनगिनत जीवो को आसरा देते हैं इसलिए बक्सवाहा के जंगल को बचाने के लिए एकजुट होने का समय है वहां लगे वृक्ष हमें इतनी ऑक्सीजन दे रहे हैं और हमारी अगली पीढ़ियों को इतनी ऑक्सीजन देंगे की आप जमीन के अंदर के पूरे हीरे निकालकर भी अपनी पीढ़ियों के लिए ऑक्सीजन नहीं खरीद पाएंगे क्योंकि यह तो निश्चित ही है कि वृक्षों को लगातार काटने के बाद भविष्य में आपको ऑक्सीजन खरीदनी ही पड़ेगी सरकार को सोच समझकर विचार करना चाहिए - की जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है हीरे की नहीं और हमें ऑक्सीजन पेड़ों से मिलती है हीरो से नहीं l

मैं बक्सवाहा के जंगल के पेड़ों को काटे जाने का विरोध करती हूं हमें हीरे की खदान नहीं प्रकृति पर्यावरण चाहिए क्योंकि वर्तमान और भविष्य की सरकार आप सभी से सिर्फ एक ही प्रश्न है कि क्या आप इन पेड़ों के काटने से जो हानि पर्यावरण और प्रकृति की होगी उसकी भरपाई कर पाएंगे क्या जनता को आप ऑक्सीजन दे पाएंगे जो कि वर्तमान में आप नहीं दे पा रहे हैं हमारे लिए तो यह बहुमूल्य हीरे हैं मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से गुजारिश करती हूं इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दे अभी भी समय है सरकार इसे संरक्षित करने का काम करें नहीं तो इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा! 

                              कु. डोली दुबे

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