सागर-: गुटखा, तम्बाकू का विज्ञापन कर देश के युवाओं को भ्रमित करने वाले फ़िल्म स्टार नहीं बल्कि कोरोना काल में सेवा करने वाले डॉक्टर्स, स्वास्थ, पुलिस व सफाई कर्मी और पत्रकार समाज के असली हीरो हैं। यह बात प्रो कमलेश दुबे ने सोमवार को विश्व स्वाथ्य संगठन द्वारा घोषित विश्व तम्बाकू एवं धूम्रपान निषेध दिवस पर आयोजित ऑनलाइन संगोष्ठी में कही। संगोष्ठी का आयोजन शासकीय महाविद्यालय मकरोनिया द्वारा किया गया। इसमें 65 छात्रों व महाविद्यालयों के अध्यापकों ने अपने विचार रखे। अध्यक्षता करतर हुए डॉ एससी जैन ने कहा कि नशे की शुरुआत शान दिखाने के शौक से होती है लेकिन यह मनुष्य को खोखला करता चला जाता है। कोरोना काल मे इम्युनिटी का महत्व समझ आया है। लेकिन बीड़ी, गुटखा और सिगरिट जैसे नशे से इम्युनिटी खो चुके कई लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ी है। डॉ राजेश चौधरी ने कहा कि बुंदेलखंड में तम्बाकू का सेवन बहुतायत में होता है यहां इसके प्रति लोगों को जागरूक करने सतत अभियान चलाने की आवश्यकता है। महाविद्यालय मकरोनिया की वरिष्ठ प्राध्यापक प्रोफेसर दिव्या गुरु ने विद्यार्थियों को 2021 की वार्षिक परीक्षा के विषय मे जानकारी दी। संचालन राहुल मुकुटी ने किया।
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