कटनी -:कोरोना की इस वैश्विक विपदा के समय सभी लोग किसी ना किसी रुप में इंसानियत की रक्षा के लिये अपना सहयोग दे रहे हैं। यह दौर विकट है। संकट बड़ा है। लेकिन हमारा हौसला उससे अधिक बड़ा है। मन में विश्वास है अपनी कामयाबी का। एैसे ही ध्येय के साथ जनस्वास्थ्य की रक्षा में जुटी हुई है वेन्टीलेटर एक्सप्रेस। वेन्टीलेटर एक्सप्रेस इंदौर से रवाना होकर आज कटनी पहुंची। इतना ही नहीं इस एक्सप्रेस ने जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं में अपना महत्वूपर्ण योगदान भी दिया। जिला अस्पताल को पीएम केयर के तहत मिले 3 वेन्टीलेटर्स को रविवार को वेन्टीलेटर एक्सप्रेस की टीम ने इंस्टॉल किया।
जिला अस्पताल के ये तीन वेन्टीलेटर इंस्टॉल होने से शीघ्र ही प्रारंभ होंगे। जिससे मरीजों की जीवन रक्षा में इनका सहयोग मिलेगा। वेन्टीलेटर एक्सप्रेस इंदौर के तीन इंजीनियर्स का एक ग्रुप है। जिसमें पंकज क्षीरसागर, चिराग शाह और शेलेन्द्र सिंह शामिल हैं। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा की रिक्वेस्ट पर वेन्टीलेटर एक्सप्रेस की टीम रविवार को कटनी पहुंची। उनके द्वारा वेन्टीलेटर की तीन मशीनें इंस्टॉल कर टेस्ट की गई। जिन्हें ऑक्सीजन लाईन से कनेक्ट कर मरीजों की सेवा के लिये उपयोग में लिया जायेगा।
वेन्टीलेटर एक्सप्रेस के सदस्य पंकज क्षीरसागर ने बताया कि कलेक्टर श्री मिश्रा के आमंत्रण पर हम जिला अस्पताल में अपनी सेवायें देने आये हुये हैं। हमारी पूरी टीम इंदौर से है। पिछले 40 दिनों से हमने वेन्टीलेटर्स को इंस्टॉल करने, उनको चलाने की ट्रेनिंग देने और उनकी सामान्य रिपेयरिंग करने का कार्य किया है। हमारी टीम जितनी तेजी से कॉल अटेण्ड करने पहुंचती है, इसे देखकर लोग हमें ‘‘वेन्टीलेटर एक्सप्रेस’’ के नाम से पुकारते हैं।
क्षीरसागर ने वेन्टीलेटर एक्सप्रेस के शुरु करने के अनुभव साझा किये। उन्होने बताया कि हमारी टीम इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. पी. एस. ठाकुर को बाईपेक मशीन सीएसआर के तहत देने गई थी। उसके बाद हमें उन्हीे के मार्गदर्शन में वेन्टीलेटर्स इंस्टॉल करने का अवसर मिला।
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वेन्टीलेटर एक्सप्रेस के द्वारा अब तक इंदौर, धार, राजगढ़, शाजापुर, सागर, दमोह, कटनी सहित महु में भी अपनी सेवायें दी हैं। इस टीम के साथ उत्तर प्रदेश और बिहार के साथी भी काम कर रहे हैं। टीम को मध्यप्रदेश से ग्राउण्ड कनेक्ट और महाराष्ट्र से भी समन्वय और सहयोग मिल रहा है। आज कटनी में पंकज और चिराग के साथ ही युवा कंप्यूटर इंजीनियर चिन्मय देशपाण्डे ने भी अपना सहयोग दिया है।
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