कटनी-:भारत की शान हैं बेटियां - हम सबका अभिमान हैं बेटियां। कहते हैं बेटे, भाग्य से होते हैं, लेकिन बेटियां सौभाग्य से। समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को प्रोत्साहन देने एवं लिंगानुपात में सुधार के लिये भारत सरकार द्वारा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ओ’ योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा सतत् रुप से बेटियों को लेकर विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनायें बनाई गई हैं, जिसका क्रियान्वयन प्रभावी रुप से कराया जा रहा है। इन्ही अभियानों के सार्थक परिणाम जिले में सामने आये हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग नयन सिंह ने बताया कि जिले में 3 वर्षों में लिंगानुपात 13 अंक बढ़ा है।
सामूहिक रुप से सहभागिता करते हुये जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विगत वर्षों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का सफल क्रियान्वयन किया गया। जिसके ही परिणाम स्वरुप विगत तीन वर्षों में जिले में जन्म के समय लिंगानुपात में 13 अंकों की वृद्धि दर्ज हुई है। डीपीओ श्री सिंह ने बताया कि वर्ष 2018-19 में जन्म के समय बेटियों का लिंगानुपात 924 था। 2019-20 में यह बढ़कर 931 हुआ और वर्ष 2020-21 में यह बढ़कर 937 हो गया है।
इस विषय में मानसिकता में बद्लाव एवं सामाजिक चेतना के लिये विभिन्न योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन विभाग द्वारा किया गया। इनमें बेटियों के जन्म पर स्वागत, बेटियों के अभिभावकों का सम्मान, बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन, बेटियों को विकास के समान अवसर उपलब्ध कराने के निरंतर कार्यक्रमों के साथ ही कार्यशालाओं एवं प्रशिक्षणों का आयोजन भी प्रभावी रुप से किया गया।
वर्ष 2019-20 में विभाग द्वारा बेटियों के जन्म पर उनका एवं उनके अभिभावकों का सम्मान करने की विशेष पहल (स्वागत नंदिनी) को भारत सरकार द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत देश के 25 सर्वश्रेष्ट नवाचारों में सम्मिलित किया गया।
पिछले वर्ष 2020-21 में महिला सम्मान अभियान के तहत विभाग द्वारा जिले में 18 हजार 832 बालिकाओं का कन्या पूजन, 21 हजार 326 गर्भवती एवं धात्री माताओं का सम्मान, 69 हजार 44 लाडली लक्ष्मी हितग्राही बालिकाओं एवं 28 हजार 137 प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की हितग्राही माताओं का सम्मान आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से किया गया।
इतना ही नहीं जिला प्रशासन द्वारा कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के निर्देशन में अभिनव पहल करते हुये जिले की वीर बेटी अर्चना केवट को 8 मार्च 2021 को अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक दिन का सांकेतिक रुप से कलेक्टर बनाया गया था। काबिलेगौर है कि सुश्री केवट द्वारा सम्मान अभियान से प्रेरित होकर दो बालिकाओं को छेड़छाड़ से बचाया गया था। उनके इस साहस को सम्मान देने के नवाचार की सारे देश में सराहना भी हुई थी।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के ध्येय वाक्य को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने के प्रयासों से जिले में बेटियों के प्रति सकारात्मक भाव को बढ़ावा मिल रहा है एवं जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार भी सामने आ रहा है।
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