भोपाल-: वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त कराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चल रहा है, लेकिन कोरोना वायरस के आने के बाद अब मुमकिन नहीं लगता है कि हम इतनी जल्दी टीबी के खिलाफ जंग को जीत सकेंगे। टीबी से जुड़े स्वास्थ्य के मुद्दों पर कार्य करने और उसके प्रति जनजागरूकता लाने के लिए रीच टीबी मीडिया फेलोशिप से प्रतिवर्ष देश में राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न भाषाओं के 14 पत्रकारों का चयन किया जाता है। इसमें वर्ष 2021 के लिए दैनिक भास्कर की पत्रकार सर्जना चतुर्वेदी को इस फैलोशिप के लिए चुना गया है। वह चेन्नई स्थित संस्था रीच में इस कार्यक्रम के तहत टीबी रोग पर शोध कार्य करेंगी। इस शोध कार्य के लिए उन्हें 25 हजार रुपए की राशि फैलोशिप के रूप में प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि दुनिया में सबसे ज्यादा टीबी के मरीज भारत में रहते हैं और यह सिर्फ एक बीमारी नहीं बल्कि इस बीमारी के नाम पर होने वाली छुआछूत के कारण मरीज और उसके परिवार को मानसिक पीड़ा का भी सामना करना होता है। टीबी को लेकर समाज में फैले इस भेदभाव और वास्तविकता के संबंध में रिपोर्टिंग करके लोगों के नजरिये में बदलाव लाना मेरा प्रयास होगा।
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